Noida News : साइबर अपराधी (Cyber Criminals) हर दिन लोगों को ठगने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं जिसमें लोग लगातार फंसते ही चले जा रहे हैं। कभी कोई साइबर अपराधी खुद को पुलिस बताता है तो कभी कोई भोले-भाले लोगों की मदद करने की झूठी कहानी बनाकर लोगों फंसा लेते हैं और उन्हें अपने इशारे पर नचाते हैं। हाल ही में नोएडा के सेक्टर-77 में रहने वाली एक मां-बेटी साइबर ठगी का शिकार हो गईं। ठगों ने मानव अंगों की तस्करी और धनशोधन के झूठे आरोप लगाकर दोनों को चार दिनों तक डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) में रखा और उनसे 36.58 लाख रुपये ठग लिए। पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद तत्काल कार्रवाई करते हुए करीब दो लाख रुपये की रकम को फ्रीज कर दिया है।
एक अंजान कॉल और डिजिटल अरेस्ट
जानकारी के मुताबिक ये घटना 27 नवंबर की है, जब एक युवती एमबीए की पढ़ाई पूरी कर नौकरी की तलाश कर रही थी। इस दौरान उसे एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) का अधिकारी बताते हुए कहा कि युवती और उनकी मां के आधार कार्ड का इस्तेमाल एक सिम कार्ड जारी करने के लिए किया गया था, जिसका उपयोग मानव अंग तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे अपराधों में किया गया था।
गिरफ्तारी वारंट भेजकर मां-बेटी को धमकाया
इसके बाद ठगों ने मां-बेटी को स्काइप कॉल के जरिए कथित मुंबई पुलिस से जोड़ा। कॉल पर मौजूद व्यक्ति ने उन्हें गिरफ्तारी वारंट भेजकर धमकाया और कहा कि यदि वे जांच में सहयोग नहीं करेंगी तो उनका एनकाउंटर हो सकता है या फिर उन्हें जेल भेज दिया जाएगा। इस डर से दोनों ने ठगों द्वारा बताए गए खातों में 36 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। इतना ही नहीं ठगों ने पूरी रकम ट्रांसफर करने के बाद भी दबाव बनाना जारी रखा। उन्होंने युवती की मां से एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) तोड़ने और घर गिरवी रखने की मांग की। जब महिला ने इसका विरोध किया तो ठगों ने उन्हें चार दिन तक डिजिटली हिरासत में रखा।
पुलिस कर रही अपराधियों की तलाश
इस घटना के बाद पीड़िता ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए करीब दो लाख रुपये की रकम को फ्रीज कर दिया है और मामले की जांच जारी है। पुलिस का कहना है कि, वे जल्द ही ठगों को पकड़ने के लिए आगे की कार्रवाई करेंगे। आपको बता दें कि नोएडा से अब तक ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। Noida News